जयपुर सीरियल ब्लास्ट 2008: अदालत ने 1 को किया आरोप मुक्त 4 दोषी करार
कैसे दहला था जयपुर 2008 में
जयपुर. विशेष न्यायालय ने आईपीसी, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और पीडीपीपी एक्ट के तहत किया आरोपियों को दोषी करार दिया है.
बता दें कि, विशेष न्यायालय ने आईपीसी, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और पीडीपीपी एक्ट के तहत किया आरोपियों को दोषी करार दिया है. वहीं, अब दोनों पक्षों को बीच सजा के बिंदु पर बहस होगी, जिसके बाद कोर्ट इन दोषियों को सजा सुनाएगी.
कैसे दहला था जयपुर
करीब 11 साल पहले जयपुर (Jaipur) में कुछ ऐसा हुआ जो किसी ने नहीं सोचा था. गुलाबी नगरी की खूबसूरत शाम को आतंकियों की नजर लग चुकी थी. उस दिन मंगलवार था और आतंकवादी जानते थे कि मंगलवार को शहर के हनुमान मंदिरों में अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा भीड़ रहती है.
तभी, शाम करीब 7:05 पर पहला ब्लास्ट माणक चौक पुलिस थाने के पास हुआ. उसके बाद लगातार 7 सीरियल बम ब्लास्ट हुए, जिसने गुलाबी नगरी का रंग ही बदल डाला. हर तरफ धुआं ही धुआं, चीख पुकार, लाशें, लहुलूहान लोग और दहशत ही दहशत थी. घटना में करीब 69 लोगों की जान गई थी. वहीं 185 से ज्यादा लोग धमाकों में घायल हुए थे.
वहीं, इन धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली थी. इसके 11 आतंकवादियों ने ब्लास्ट को अंजाम दिया था. इनमें से 5 को राजस्थान(Rajasthan) एसओजी ने गिरफ्तार किया था. 2 बाटला एनकाउंटर में मारे गए थे. 1 को पिछले साल दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं 3 अभी भी फरार हैं. ब्लास्ट मामले में माणक चौक और कोतवाली थाने में 4-4 एफआईआर दर्ज हुई.
मामले की जांच करते हुए एसओजी ने सितम्बर 2008 को सबसे पहले इंडियन मुजाहिद्दीन (Indian Mujahideen) को घटना की जानकारी मेल करने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मार्च 2009 में मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन और मोहम्मद सरवर आज़मी को भी गिरफ्तार कर लिया. बाद में मोहम्मद सलमान और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
वहीं, पिछले साल आरिज खान उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन अभी तक राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने उसे प्रोडेक्शन वारंट पर गिरफ्तार नहीं किया है. इस मामले में मिर्जा शादाब बैग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मोहम्मद खालिद अभी भी फरार चल रहे हैं.