निर्भया मामले: दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी, थोड़ी देर बाद फैसला
दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने अपने दोषी को फांसी नहीं देने की मांग की
नई दिल्ली. 2012 में हुए निर्भया मामले में चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की फांसी की सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर बुधवार को जस्टिस भानुमति की अध्यक्ष में नई पीठ ने अहम सुनवाई की। जहां बहस के दौरान दोषी अक्षय के वकील एपी सिंह ने अपने दोषी को फांसी नहीं देने की मांग की, वहीं सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी भी हाल ऐसे अपराध में सजा कम नहीं की जा सकती है।
दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिस पर कोर्ट एक बजे फैसला सुनाएगा। इससे पहले कोर्ट ने वकीलों से कहा कि आपके पास बहस के लिए 30 मिनट का समय है। इस समय सीमा में 30 मिनट के दौरान दोनों को अपना पक्ष रखना होगा।
सुबह सुनवाई शुरू होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह फिलहाल अपने तर्क रखे। बहस के दौरान वकील एपी सिंह ने मामले की जांच पर कई तरह के सवाल उठाए हैं। वहीं, कोर्ट ने कहा कि नए तथ्यों पर बहस नहीं करें।
गौरतलब है कि जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। इन बेंच में जस्टिस आर भानुमति के साथ जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना भी शामिल हैं।
बचाव पक्ष के वकील के सवाल
निर्भया के दोस्त ने पैसे लेकर साक्षात्कार दिया
निर्भया मामले में गवाह संदेह के घेरे में
रामसिंह की हत्या पर भी संदेह के घेरे में
दिल्ली में प्रदूषण इसलिए फांसी की सजा नहीं दी जाए।
वहीं, मंगलवार को होने वाली सुनवाई को लेकर निर्भया की मां का कहना है कि हमें पूरा विश्वास है कि न्याय मिलेगा, इसके सिवाय कोई विकल्प नहीं है। अगर उन्नाव मामले में कुलदीप सिंह ओर निर्भया मामले में दोषियों को फांसी मिले तो समाज में अच्छा संदेश जाएगा।
बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक दोषी विनय शर्मा को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा गया है कि इस याचिका को अधिकारियों की मौजूदगी में विनय ने भरा था। दरअसल, पिछले दिनों विनय शर्मा ने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि उसने कोई दया याचिका राष्ट्रपति के पास नहीं भेजी है। तिहाड़ जेल प्रशासन के इस खुलासे के बाद यह तय हो गया है कि विनय शर्मा की दया राष्ट्रपति के लंबित है।
गौरतलब है कि सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 में दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी। राम सिंह, मुकेश, विनय, पवन और अक्षय के साथ एक अन्य दोषी की दरिंदगी की शिकार निर्भया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।