जनता का विश्वास ही पुलिस की सबसे बड़ी पूंजी : सीएम
जनता के विश्वास,विकास और सुरक्षा के संकल्प के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने,लोगों को सुरक्षा देने,विकास कार्यों के क्रियान्वयन तथा लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 20-20 की तर्ज पर त्वरित और प्रभावी ढंग से कार्य किया जाए।
रायपुर। जनता का पुलिस पर विश्वास पुलिस की सबसे बड़ी पूंजी है। इसे हर हाल में बनाए रखने का प्रयास किया जाना चाहिए। जनता के विश्वास,विकास और सुरक्षा के संकल्प के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने,लोगों को सुरक्षा देने,विकास कार्यों के क्रियान्वयन तथा लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 20-20 की तर्ज पर त्वरित और प्रभावी ढंग से कार्य किया जाए।
उक्त बातें आज आज नवा रायपुर,अटल नगर स्थित पुलिस मुख्यालय में पहली बार आयोजित आईपीएस कॉनक्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कही। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू,मुख्य सचिव आरपी मंडल, पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी,एडीजी सर्व संजय पिल्ल, आरके विज और अशोक जुनेजा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ऐसा वातावरण तैयार करें जिससे पुलिसकर्मियों का मनोबल ऊंचा रहे और वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने में सक्षम हो सकें।
आम जनता पुलिस की उपस्थिति में अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैए यह प्रतिष्ठा पुलिस के हर जवान को बनाए रखनी होगी।श्री बघेल ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों दूरस्थ गांवों में सबसे पहले पुलिस पहुँचती है। वहां गांव में सड़क, बिजली, पानी की छोटी.छोटी समस्याएं रहती है।
पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर इन समस्याओं के निराकरण का प्रयास करें और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद करें ।
यदि पुलिस जवान गांव के किसी एक व्यक्ति का इलाज मुख्यमंत्री सहायता कोष की मदद से कराते हैं तो व्यक्ति के परिवार सहित पूरे गांव का विश्वास पुलिस के साथ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टरों को भी पुलिस के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश राज्य शासन द्वारा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक नौजवानों को खेल से जोडऩे और गांव की महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोडऩे की पहल पुलिस के अधिकारियों को करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने नक्सलियों को गोला, बारूद और हथियारों की सप्लाई को रोकने, पुलिस के सूचना तंत्र को मजबूत बनाने के लिए कार्य करने की समझाइए दी। श्री बघेल ने चिटफं ड कंपनियों पर कार्यवाई में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में नक्सली घटनाओं में कमी आई है। नक्सली मुठभेड़ में पुलिस जवानों, ग्रामीणों और आदिवासियों की मृत्यु की घटनाएं भी कम हुई हैं। इससे यह स्पष्ट है कि लोगों का विश्वास जीतने में हमारी पुलिस सफल रही है।
लोगों का पुलिस के प्रति यह विश्वास और बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को नववर्ष की बधाई और शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने पुलिस बल द्वारा पिछले एक वर्ष में प्रदेश में अच्छी कानून व्यवस्था बनाए रखने, आयोजनों में चुस्त.दुरुस्त व्यवस्था, नक्सली घटनाओं में कमी जैसी उपलब्धियों को सराहा।
अपराधियों में हो पुलिस का भय -गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू : गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि जनता के मन में पुलिस के प्रति सम्मान और अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नक्सल इलाकों में पुलिस विकास की रोशनी पहुंचाने में सहयोग करे। वहां खुद जाकर लोगों से बातचीत करें। उन्होंने पिछले एक वर्ष के दौरान कानून व्यवस्था को चुस्त.दुरुस्त बनाए रखने और नक्सली घटना में कमी का उल्लेख करते हुए पुलिस बल की सराहना की।
उन्होंने कहा कि नशे के व्यापार पर सख्ती से पाबंदी लगाई जानी चाहिए। पुलिस महानिदेशक अवस्थी में कहा की है वर्ष 2020 में पुलिस में आरक्षकों और उपनिरक्षकों के पांच हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। पिछले एक वर्ष में नक्सली घटनाओं में 46 प्रतिशत की कमी आई है।
राज्य में चिटफंड कंपनियों के एजेंटों के विरुद्ध प्रकरण वापस लिए गए हैं। चिटफंड कंपनियों से राजनांदगांव जिले में 7 करोड़ 92 लाख रुपए की वसूली नीलामी के माध्यम से की गई है और इसे निवेशकों को लौटाने की प्रक्रिया जारी है। जस्टिस पटनायक की अनुशंसा पर 215 प्रकरण वापस ले लिए गए हैं।
राजनांदगांव में 58 प्रकरण लंबित हैं जिन्हें जल्द वापस लिया जाएगा। हर थाने में महिला डेस्क स्थापित की गई है। महिलाओं के प्रति अपराध पर अंकुश लगाने विशेष सेल गठित किया गया है। एक वर्ष में 235 अनुकम्पा नियुक्तियां दी गई हैं। उन्होंने वर्ष 2020 की पुलिस की योजनाओं की रूपरेखा की जानकारी भी दी। एडीजी अशोक जुनेजा ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।