नई दिल्ली. स्पेशल सेल की गिरफ्त में आए इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े तीन संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ हैं. खुलासे के अनुसार आरएसएस और हिंदू संगठनों के कई बड़े नेता आईएस मॉड्यूल वाले आतंकियों के निशाने पर हैं. यहां तक कि दिल्ली में चुनाव के दौरान एक पार्टी से जुड़े नेताओं को नुकसान पहुंचाकर सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने का भी उनका उद्देश्य था.
सेल से जुड़े सूत्रों का दावा है कि आईएस के आतंकियों की गिनती 3 नहीं, बल्कि दो दर्जन नाम उभर कर सामने आए हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों की मदद से छापेमारी चल रही है. सीएए को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन के पीछे सभी संदिग्धों की भूमिका को जांचा जा रहा है. संदिग्धों से पूछताछ के लिए यूपी और महाराष्ट्र एटीएस की टीमें भी पूछताछ करेंगी.
यह पहली बार होगा कि देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने आईएस के नेटवर्क से जुड़ी जांच में स्पेशल सेल व तमिलनाडु पुलिस को भी जोड़ा है. इनमें ज्यादातर दक्षिण भारत ताल्लुक रखते हैं. आतंकियों को यूपी, दिल्ली-एनसीआर, गुजरात व अन्य राज्यों में कई बड़े टारगेट सौंपे गए हैं. इनमें लोगों की बड़ी तादाद में भर्ती शामिल है. सेल सूत्रों का दावा है कि पकड़ा गया ख्वाजा मुइनुद्दीन दक्षिण भारत में आईएस को शीर्ष कमांडर है. ख्वाजा समेत तीनों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि पुलिस और सेना के भर्ती कैंप पर हमला करने का आदेश मिला था.
सेल के मुताबिक, आरएसएस के कई बड़े नाम आतंकियों की हिट लिस्ट में हैं. ये लोग हिंदू नेताओं के पोस्टरों के आधार पर पहचान करके उनकी हत्या का प्लान तैयार कर रहे थे. सेल इन आतंकियों की कोड भाषा को डिकोड करने की कोशिश कर रही है. दिल्ली में गिरफ्तार तीन आतंकियों के अलावा गुजरात में पकड़ा गया आईएस मॉड्यूलर जफर, उसकी निशानदेही पर एटीएस ने भरूच से पकड़े दो संदिग्ध व तमिलनाडु में एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या करके भागे आतंकवादी शमीम और तौफीक एक ही नेटवर्क से जुड़े हुए हैं.