रायपुर. जिन 31 संस्थानों और उद्योगों को 10 साल पहले नवा रायपुर में जमीन अलाट की गई थी, उन्होंने अब तक निर्माण शुरू नहीं किया, इसलिए उनसे 111 एकड़ जमीन छीन ली गई है.91 संस्थानों को नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने अंतिम नोटिस जारी कर चेतावनी दे दी है कि अगर निर्माण शुरू नहीं किया तो उनकी जमीन भी वापस ले ली जाएगी.
एनआरडीए ने नवा रायपुर में पहली बार इतनी सख्त कार्रवाई की है.उद्देश्य यही है कि जिन्होंने सिर्फ निवेश के उद्देश्य से प्रापर्टी ली और इसे डेड प्रापर्टी के रूप में छोड़ दिया, अब उनसे जमीन वापस लेकर ऐसे लोगों या संस्थानों को दी जाए, जो निर्माण करके वहां लोगों को बसाने की पहल कर सकें. जो जमीन छीनी गई है, वह अलग-अलग सेक्टरों में है और इसका क्षेत्रफल लगभग 4 लाख 48 हजार वर्ग मीटर है.जिन 31 संस्थानों से जमीन ली गई, उन्हें 2011 से 2016 के बीच प्लाट आवंटित किए गए थे. हालांकि एनआरडीए पिछले सवा साल से इन सभी को नोटिस दे रहा है, लेकिन निर्माण शुरू करना तो दूर, अधिकांश ने नोटिस का जवाब देने की जरूरत भी नहीं समझी.अफसरों ने कहा कि जिन 91 संस्थानों को अंतिम नोटिस दिया गया है, अगर 6 माह में उन्होंने भी निर्माण शुरू नहीं किया तो अावंटन रद्द किया जाने लगेगा.
500 एकड़ में एक ईंट नहीं रखी
नवा रायपुर में बसाहट तेज करने के लिए राज्य शासन व एनआरडीए ने सीएस मंडल के वहां जाने के बाद कोशिशें तेज कर दी हैं.नवा रायपुर में करीब 500 एकड़ जमीन ऐसी है, जिसमें अावंटन के बाद से आज तक एक ईंट नहीं रखी जा सकी है.प्राधिकरण ने 215 शासकीय, अर्द्धशासकीय और निजी संस्थानों को नवा रायपुर में जमीन दी है.पड़ताल के मुताबिक इसमें से 122 संस्थानों ने अपने प्लाट पर किसी तरह का निर्माण तो दूर, तार का घेरा तक नहीं लगाया है.इन्हीं में से 31 का अावंटन निरस्त किया गया है और 91 को नोटिस दिया गया है.एनआडीए ने इन सभी संस्थानों व उद्योगों को चिन्हित कर लिया है, जिनसे इस नोटिस के बाद जमीन छीनी जानी है.
दबाव की वजह से जमीन सरेंडर करने लगे संस्थान
नवा रायपुर में आवासीय तथा अन्य लैंडयूज वाले सेक्टर अलग-अलग हैं. इनमें संस्थानों और उद्योगों को उनकी जरूरत के हिसाब से जमीन अावंटित की गई थी.बताया गया है कि अावासीय सेक्टर-30 में 13 और सेक्टर-12 में 5 लोगों ने प्लाट लौटा दिए हैं और स्वीकार किया है कि वे तय समय पर काम शुरू नहीं कर पाएंगे.केवल संस्थान ही नहीं, शहर के कई मशहूर डाक्टरों को भी नवा रायपुर के विभिन्न सेक्टरों में जमीन दी गई थी.इनमें से भी कुछ ने अब तक अस्पताल तो दूर, क्लीनिक भी शुरू नहीं किया.इस वजह से इन्हें भी नोटिस दिया गया था.पता चला है कि कुछ डाक्टरों ने भी वहां अस्पताल का क्लीनिक शुरू करने में असमर्थता जताते हुए जमीन लौटाई है.
जमा प्रीमियम में 10 प्रतिशत काटकर लौटाए
विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 17 विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए संस्थाओं को दी गई जमीन के आबंटन निरस्त किए गए हैं.खास बात ये है कि इनमें राज्य शासन जुड़े 9 विभागों के संस्थान भी हैं.केंद्र सरकार की 2 संस्थाओं का जमीन अावंटन रद्द किया गया है.इसके अलावा शैक्षणिक प्रयोजन के लिए 3, आईटी उद्योग के लिए 6, हॉस्पिटल व क्लीनिक के लिए 3 और औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को दिए गए 8 प्लाट वापस लिए गए हैं.अफसरों ने बताया कि जिनके अावंटन निरस्त किए जा रहे हैं, उन्हें जमा किया गया पूरा प्रीमियम भी नहीं लौटाया जाएगा.बल्कि एनअारडीए इसमें से 10 फीसदी शुल्क काटेगा और बची रकम सीधे खातों में भेज दी जाएगी.कुछ को रकम मिलने की सूचना भी है.