आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में मंदिरों के बाहर भीख मांग कर गुजारा करने वाले 73 साल के भिखारी यादि रेड्डी ने पिछले सात सालों में 8 लाख रुपये दान किए हैं. मंदिरों की सीढ़ियों यादि रेड्डी ने उन्होंने बताया कि यह रुपये उन्होंने सात वर्ष में बटोरे हैं.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि लगभग चालीस सालों तक मैंने रिक्शा चलाया और फिर जब घुटने जवाब दे गए तो मुझे भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ा. रेड्डी के इस दान की सराहना करते हुए, साईं बाबा मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि इससे मंदिर के विकास में वास्तव में मदद मिली है. हम यादि रेड्डी की मदद से एक गोशाला बनाने में सफल रहे हैं. उन्होंने मंदिर को 8 लाख रुपये का दान दिया है. उन्होंने मंदिर को 8 लाख रुपये का दान दिया है.
यादि रेड्डी
यादि रेड्डी ने कहा कि पहले मैंने 1 लाख रुपए जुटाए थे वो मंदिर को दिए. इसके बाद जब मेरी तबियत बिगड़ने लगी, तो मुझे लगा कम जीवन बचा है और रुपया जमा करने की मुझे ज़रूरत नहीं है. इसके बाद मैंने मंदिर में और योगदान देने का फैसला किया. भीख मांगकर मंदिर में दान देने वाले भिखारी के तौर पर उन्हें इसके बाद कई लोग जानने लगे और यादि रेड्डी को लोग ढूंढ़-ढ़ूंढ कर दान देने लगे.
रेड्डी कहते हैं, मंदिर में रुपये दान करने के बाद लोगों ने मुझे पहचानना शुरू कर दिया. मैंने शपथ ली कि मैं अपनी सारी कमाई दान कर दूंगा. आज तक मैंने 8 लाख रुपये दिए हैं. रेड्डी के इस दान की सराहना करते हुए, मंदिर अधिकारियों ने कहा कि इससे मंदिर के विकास में वास्तव में मदद मिली है. हम यादि रेड्डी की मदद से एक गोशाला बनाने में सफल रहे हैं. उन्होंने मंदिर को 8 लाख रुपये का दान दिया है.