रायपुर. छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर राजनीति गरमा गई है. भाजपा ने राज्य सरकार को हत्यारी और निर्मम तक बता दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि धान बेचने जा रहे किसानों पर लाठियां चलाई जा रही हैं. मंत्री कह रहे हैं कि लाठीचार्ज नहीं हुआ. अगर लाठियां नहीं चलीं तो क्या किसानों ने खुद पत्थर से अपने सिर फोड़ लिए हैं. इससे पहले भाजपा की ओर से राज्यपाल अनुसुईया उइके को ज्ञापन सौंपा गया.
केशकाल लाठीचार्ज मामले में भाजपा की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आ गई है. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय समेत कई नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में धान खरीदी के लिए श्वेत पत्र लाने व 15 दिन और बढ़ाने की मांग रखी गई. साथ ही कहा गया कि बड़े-बड़े वादे कर कांग्रेस की सरकार सत्तासीन हुई थी. न्यूनतम 2500 रुपए प्रति क्विंटल में 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी, 2 वर्ष का बकाया बोनस भुगतान, किसानों की कर्जमाफी व मुफ्त बिजली समेत अन्य वादे शामिल थे.
भाजपाइयों ने कहा, सत्ता में आ जाने के बाद न केवल कांग्रेस की सरकार अपने तमाम वादों से मुकर गई. सरकारी अव्यवस्था से किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. खरीदी केंद्रों में पंजीकृत किसानों को टोकन देने के बाद भी, बारदाने की कृत्रिम कमी पैदा कर खरीद अघोषित रूप से बंद कर दी गई है. कांकेर के केशकाल में लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर लाठीचार्ज किया गया. धान खरीदी को लेकर किसान परेशान हैं और मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव विदेश घूम रहे हैं. ऐसे में किस से बात की जाए.
22 फरवरी से जिला स्तर पर प्रदर्शन
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का एक भी जवाबदार व्यक्ति नहीं है जो किसानों की तकलीफ और समस्याओं को समझ कर उसका निराकरण कर सके. किसान धान बेचने के लिए जा रहा है. उनपर लाठी चल रही है. किसानों के ऊपर अत्याचार हो रहा है. भाजपा की ओर से तय किया गया है कि किसानों की समस्याओं को देखते हुए प्रदेश भर में जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं विधानसभा में भी इसका मुद्दा उठाएंगे. धान खरीदी की तय समय सीमा बढ़ाई जाए, जिससे किसानों को फायदा मिल सके.