निशाचर पक्षी उल्लू घर के आसपास दिखे तो रहे सावधान!
Nocturnal Birds! उल्लू से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य, उल्लू: कहीं शुभ है तो कहीं अशुभ!, तंत्र साधना में महत्व, उल्लू अंधरे में भी देख सकता है क्यूँ?

- उल्लू ही एक मात्र ऐसा पक्षी है जो नीला रंग देख सकता है।
- उल्लू अपनी गर्दन 270 डिग्री, यानी 135 डिग्री बायें और 135 डिग्री दाँय दिशा की ओर घुमा सकता है
- उल्लू किसी भी वस्तु का 3D इमेज देख सकता है
Nocturnal Birds: जिन पक्षियों को रात में दिखाई देता है, उन्हें रात का पक्षी कहते हैं। उल्लू उनमें से एक है। उल्लू एक ऐसा पक्षी है, जिसे दिन की अपेक्षा रात में अधिक स्पष्ट दिखाई देता है। इसके कान बेहद संवेदनशील होते हैं, इसलिए ये अपने शिकार को तुरंत पहचान लेते हैं। इसके पैरों में टेढ़े नाखूनों वाली चार-चार अंगुलियां होती हैं जिससे इसे शिकार को दबोचने में विशेष सुविधा मिलती है l उल्लू संसार में सभी जगह है, सिवाय “अंटार्कटिका” के।
उल्लुओं की 200 से भी ज़्यादा प्रजाति पृथ्वी में है। कुछ देशों में प्रचलित पौराणिक कहानियों में उल्लू को बुद्धिमान माना गया है। कहा जाता है -प्राचीन यूनानियों में बुद्धि की देवी, “एथेन” जो कि पृथ्वी पर उल्लू का रूप धारण कर पृथ्वी में आयी है। भारतीय पौराणिक कहानियों में भी यह उल्लेख मिलता है कि उल्लू धन की देवी लक्ष्मी का वाहन है। हिन्दू संस्कृति में माना जाता है कि उल्लू समृद्धि और धन लाता है। यह आपके घर के आसपास दिखे तो सावधान हो जाएं।
उल्लू से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य-
*-उल्लू ही एक मात्र ऐसा पक्षी है जो नीला रंग देख सकता है।
*-उल्लू लगभग एक साल में 1000 चूहे खा जाता है, कहा जाता है की चूहा उल्लू का पसंदीदा भोजन है।
*-उल्लू अपनी गर्दन 270 डिग्री, यानी 135 डिग्री बायें और 135 डिग्री दाँय दिशा की ओर घुमा सकता है।इसलिए ये अपने शिकार को बिना हिले , गर्दन घुमा कर ही देख लेते है।
*-उल्लू किसी भी वस्तु का 3D इमेज देख सकता है, यानी ये कि उल्लू किसी भी वस्तु की लंबाई, ऊँचाई और चौड़ाई तीनों देख सकता है।
*-उल्लू अपने ताकतवर बच्चे को खाना पहले व कमजोर को बाद में खिलाते हैं।
*-उल्लू इंसानो से 10 गुना धीमी आवाज़ सुन सकता है, ये अपने शिकार का आवाज़ सुनके ही उनका शिकार करते है ।
*-उल्लू की आँखें उसके दिमाग़ जितनी बड़ी होती है, इसलिए ये घुमती नही एक जगह स्थिर रहती है।
*-उल्लू के पंजे उतने ही मज़बूत होती है, जितना की इंसान का काटना।
*-उल्लू अपने भोजन में – साँप, चूहे, गिलहरी, यहाँ तक कि दूसरे उल्लुओं को भी ग्रहण करते हैं। इनके दाँत नही होते, ये अपने भोजन को सीधा निगल जाते हैं।
*-उल्लू उड़ते समय बिलकुल भी आवाज़ नही करता।इनके पंख के ऊपरी हिस्सा मुलायम खाल सा होता है जो की हवा को सोख लेता है,जिससे घर्षण नही होने के कारण आवाज़ नही आता।
* ऊल्लूओ की जीवन काल की बात करें तो ये लगभग 30 वर्षों तक जीवित रहती है।
* धरती का सबसे छोटा उल्लू जो 5 इंच लम्बा है और जिसका वजन केवल 31 ग्राम है। इसका नाम एल्फ़(ELF) है।
*धरती का सबसे बड़ा उल्लू जिसका पंख 5 फ़ीट लंबा है, और जिसका वजन 2.5 किलो तक हो सकता है। इसका नाम GREAT HORNED है।
उल्लू अंधरे में भी देख सकता है क्यूँ?
#-उल्लू रात के अंधेरे में भी हम इंसानो से 100 गुना बेहतर और लगभग 100 मीटर की दूरी तक साफ़-साफ़ देख सकता है। उल्लू की आँखें उसके पूरे वजन का 5% यानी बहुत बड़ा होता है, जो बहुत अधिक मात्रा में रोशनी को अपनी आँखों में आकर्षित करता है, जिससे रात में भी आसानी से देख पाता है। जबकि दिन में सूरज के तेज रोशनी के कारण इनकी आँखें चौंधिया जाती है।
#-उल्लू के आँखों की फैलने की छमता , इंसानो से बहुत अधिक होती है, जिससे हल्के प्रकाश भी इन पुतलियों से होते हुए पर्दा तक पहुँच जाता है, जिससे ये आसानी से किसी भी वस्तु को देख सकते है।
#-उल्लू के आँखों में प्रोटीन का बना हुआ एक लाल रंग का पदार्थ होता है, जो प्रकाश के प्रति बहुत संवेदनशील होता है।
इसलिए उल्लू रात में आसानी से देख पाता है।
उल्लू: कहीं शुभ है तो कहीं अशुभ!
उल्लू को लक्ष्मी का वाहक माना जाता है, लेकिन फिर भी इसे कहीं शुभ तो कहीं अशुभ माना जाता है। उल्लू को लेकर कई तरह की मान्यताएं हमारे समाज और धर्म में प्रचलित हैं। जानिए ऐसी मान्यताएं, जिस पर आज भी विश्वास किया जाता है –
1. हालांकि ये इतना आम या आसान नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि आपकी नजर उल्लू से मिल जाती है, जो समझ लीजिए कि आपको बेहिसाब दौलत मिलने वाली है।
2. रोग को लेकर भी उल्लू की यह मान्यता है कि अगर उल्लू किसी रोगी को छूते हुए निकल जाए या उसके उपर से उड़ता हुआ चला जाए तो गंभीर रोग भी ठीक हो सकता है।
3. उल्लू का दाहिनी तरफ देखना या बोलना हमेशा अशुभ होता है, इसलिए जब भी उल्लू की आवाज सुनाई देती है तो इसे अपशगुन माना जाता है।लेकिन उल्लू का बायीं ओर देखना शुभ रहता है।
4. अगर उल्लू किसी घर की छत पर आकर बैठता है या छत पर बैठकर आवाज करता है, तो यह घर के किसी सदस्य की मौत हो जाने की ओर इशारा करता है।
5. अगर सुबह के वक्त पूर्व की दिशा की ओर उल्लू दिखाई दे या फिर उसकी आवाज सुनाई दे तो यह माना जाता है कि अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है।
6-यदि उल्लू किसी के घर बैठना प्रारम्भ कर दे, तो वह घर कभी भी उजड़ सकता है और उस घर के मालिक पर कोई विपत्ति आने की सम्भावना बढ़ जाती है।दक्षिण अफ्रीका में उल्लू की आवाज को मृत्युसूचक माना जाता है।वही चीन में उल्लू दिखाई देने पर पड़ोसी की मृत्यु का सूचक माना जाता है।
तंत्र साधना में महत्व
उल्लू का महत्व तंत्र साधना में बहुत है। तंत्रशास्त्र के अनुसार, उल्लू की विवेकशीलता और उससे मिलने वाले लाभकारी परिणाम से इनकार नहीं किया जा सकता है।इसमें कई रहस्मयी शक्तियां छिपी है। ग्रीकवासी आदिकाल से उल्लू को सौभाग्य, धन और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। जबकि पूरा यूरोप उल्लू को काले जादू के मुख्य अंग के रूप में देखता हैं। चीनी फेंगशुई में अगर उल्लू सौभाग्य और सुरक्षा का प्रतीक है तो जापानियों की नजर में उल्लू उनकी मुसीबत में रक्षा करने वाला है ,और अगर यदि भारत में इस तंत्र की बात करें तो यहां यह विधा बहुत ही प्रचलित है।
इसमें कई चमत्कारी अचूक तांत्रिक शक्तियां है।यह माना जाता है कि उल्लू के हाव-भाव, बोली और उड़ान भरने की स्थिति से भूत, भविष्य और वर्तमान की घटनाओं का पता लगाया जा सकता है। जयोतिषशास्त्र के अनुसार, उल्लू माता लक्ष्मी का वाहन है जो शुक्र गृह की अधिष्टात्री है, जबकि उल्लू राहु के घर का प्रतिनिधित्वि करता है तथा कुंडली में इसका सुनिश्चित घर छठा स्थान का है।हालांकि इसका तीसरे, छठे और आठवें घर में होना शुभ माना गया है।इसलिये उल्लू की महत्वता मनुष्य के जीवन में बनी रहती है, जिसे भविष्य सूचक के नज़रिए से देखा जाता है।